raibarexpress Blog उत्तराखंड मौसम ने बदले तेवर, उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट, ठंड ने दी दस्तक..
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मौसम ने बदले तेवर, उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट, ठंड ने दी दस्तक..

मौसम ने बदले तेवर, उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट, ठंड ने दी दस्तक..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के कई पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई है। उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और देहरादून जिलों में आज हल्की वर्षा के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। इन इलाकों में मौसम ठंडा बना हुआ है और ऊंचे पहाड़ों पर तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के आसपास हल्की बर्फबारी होने की संभावना भी जताई गई है। पर्वतीय इलाकों में बदलते मौसम का असर अब मैदानी जिलों में भी महसूस होने लगा है। देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में सुबह-शाम की ठंड में बढ़ोतरी हुई है। लोग अब हल्के गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने लगे हैं।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 23 से 27 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। इस दौरान धूप खिली रहने और दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है, जबकि रातें ठंडी बनी रहेंगी। मौसम विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सलाह दी है कि वे मौसम अपडेट पर नजर रखें और ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा के दौरान सुरक्षा और सावधानी के सभी उपाय अपनाएं। उत्तराखंड में बदलते मौसम के साथ ही अब शीत ऋतु का असर धीरे-धीरे तेज़ी से महसूस होने लगा है, जिससे पहाड़ों के साथ-साथ मैदानों में भी सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है। आपको बता दें बीते महीनों में उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा है। इस दौरान भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग भूस्खलन और पहाड़ी से मलबा गिरने से बाधित रहे। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उत्तराखंड से मानसून 26 सितंबर को पूरी तरह विदाई ले चुका है। इस बार मानसून सीजन का आकलन पिछले मानसून सीजन से करें तो 2024 में 9% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई। इसमें राज्य के 69% एरिया में सामान्य बारिश हुई। 23 प्रतिशत क्षेत्र ऐसा था, जहां सामान्य से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी। आठ फ़ीसदी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई।

 

 

 

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