काशीपुर में मेडिकल स्टोर्स पर बड़ी कार्रवाई, तीन सील, चार के लाइसेंस निलंबित..
उत्तराखंड: आई लव मोहम्मद जुलूस के दौरान हुई उपद्रव की घटनाओं के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जिले में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक अनुशासन को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोरों पर विशेष निरीक्षण अभियान छेड़ दिया है। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में और जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम काशीपुर की देखरेख में यह अभियान पिछले दो दिनों से लगातार चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान कई मेडिकल स्टोर होलसेल लाइसेंस होने के बावजूद रिटेल व्यवसाय में लिप्त पाए गए, जो कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। अब तक 18 मेडिकल स्टोरों की जांच की जा चुकी है। इनमें से सात स्टोरों के लाइसेंस पूरी तरह वैध पाए गए। चार स्टोरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि तीन स्टोरों को सील कर दिया गया। शेष स्टोरों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल अनुशासन कायम रखने की दिशा में अहम है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि दवाओं की बिक्री पूरी तरह पारदर्शी और वैध रूप से हो।
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व और एसडीएम काशीपुर अभय प्रताप की देखरेख में यह कार्रवाई लगातार जारी है। नीरज कुमार का कहना हैं कि जांच के दौरान प्रत्येक स्टोर में फार्मासिस्ट की उपस्थिति, लाइसेंस की वैधता, दवाओं का रख-रखाव, सीसीटीवी निगरानी और चिकित्सीय पर्चों की बारीकी से जांच की गई। इस दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि कई स्टोर बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के ही रिटेल कारोबार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी है। जांच में यह भी पाया गया कि कुछ मेडिकल स्टोर केवल लाइसेंस के आधार पर संचालित हो रहे थे, जबकि रिटेल कारोबार के लिए विशेष अनुमति और फार्मासिस्ट की अनिवार्य उपस्थिति जरूरी है। इस लापरवाही को देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। पिछले दो दिनों में कुल 18 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया गया।
इनमें से सात स्टोर पूरी तरह नियमों के अनुरूप पाए गए, जबकि चार स्टोरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। तीन मेडिकल स्टोरों को सील कर दिया गया और शेष स्टोरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। प्रशासन का साफ कहना है कि मेडिकल कारोबार में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि जिले में दवाओं की बिक्री पूरी तरह कानूनी, पारदर्शी और सुरक्षित ढंग से हो। स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई स्थानीय व्यापारियों और आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने का भी कार्य कर रही है। नीरज कुमार ने कहा कि यह अभियान केवल दो दिनों का नहीं है, बल्कि लंबे समय तक चलाया जाएगा। जिससे जिले के सभी मेडिकल स्टोर कानूनी और स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप कार्य करें।

