raibarexpress Blog उत्तराखंड अमिता जोशी बनीं निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड, कार्यभार संभालते ही बताईं प्राथमिकताएं..
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अमिता जोशी बनीं निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड, कार्यभार संभालते ही बताईं प्राथमिकताएं..

अमिता जोशी बनीं निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड, कार्यभार संभालते ही बताईं प्राथमिकताएं..

उत्तराखंड: वित्त सेवा संवर्ग की वरिष्ठ अधिकारी अमिता जोशी को राज्य सरकार ने निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड, देहरादून के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने बुधवार को अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएं दीं। अमिता जोशी, वित्तीय प्रबंधन में दक्षता और अनुशासन के लिए जानी जाती हैं। राज्य वित्तीय तंत्र में पारदर्शिता और सुधार की दिशा में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, निदेशक पद पर नियुक्ति से पहले भी जोशी विभिन्न वित्तीय और प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं, जिनमें राज्य बजट योजना और कोषागार प्रबंधन जैसे विभाग प्रमुख हैं।

उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग की वरिष्ठ अधिकारी अमिता जोशी ने बुधवार को निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड के पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। कार्यभार संभालने के मौके पर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।अमिता जोशी को उनके अनुशासित कार्यशैली और प्रशासनिक दक्षता के लिए जाना जाता है। विभाग को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में कोषागार एवं पेंशन प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता और अधिक बेहतर होगी।

उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग की वरिष्ठ अधिकारी अमिता जोशी ने बुधवार को निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी उत्तराखंड के पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। उनके कार्यभार ग्रहण करने पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अमिता जोशी ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए कहा कि पेंशन प्रणाली को सरल और अधिक प्रभावी बनाना, सेवानिवृत्त कार्मिकों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करना, और हकदारी से जुड़े मामलों का त्वरित निस्तारण करना मेरी प्राथमिकताओं में रहेगा। जोशी की प्रशासनिक सूझबूझ और वित्तीय मामलों में गहरी समझ को देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में विभाग में पारदर्शिता, दक्षता और जनहित की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा।

 

 

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