पिथौरागढ़ में जंगली मशरूम खाने से मजदूर परिवार बीमार, हालत नाजुक..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ जिले में जागरूकता अभियान के बावजूद जंगली मशरूम खाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जंगली मशरूम जहां पहले भी कई लोगों की जान ले चुका है, वहीं अब फिर से एक परिवार इसकी चपेट में आ गया है। जानकारी के अनुसार चंडाक स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत एक मजदूर, उसकी पत्नी और दो बच्चों की तबीयत मशरूम खाने के बाद अचानक बिगड़ गई। पेट दर्द और दस्त की शिकायत के चलते उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां चारों को भर्ती किया गया है। डॉक्टरों ने उनकी हालत नाजुक बताई है। स्थानीय लोग प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से लगातार अपील कर रहे हैं कि जंगली मशरूम के सेवन को लेकर और सख्त जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
जिला मुख्यालय के नजदीक चंडाक में जंगली मशरूम खाने से एक मजदूर परिवार के चार सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। सभी को पेट दर्द और दस्त की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। जानकारी के अनुसार खटीमा निवासी हरपाल सिंह (45) अपनी पत्नी ओमवती (44), बेटे पवन (20) और बेटी निर्मला (18) के साथ चंडाक स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज परिसर में किराये पर रहकर मजदूरी करता है। बीते गुरुवार को ओमवती जंगल से जंगली मशरूम लेकर आई और शाम के भोजन में इसे पकाया। भोजन करने के बाद पूरे परिवार की अचानक तबीयत बिगड़ गई और सभी पेट दर्द व दस्त से कराहने लगे। परिजनों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक लगातार उनके इलाज में जुटे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मशरूम खाने से विषाक्तता की आशंका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जागरूकता के बावजूद लोग जंगली मशरूम खाने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिससे बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
पिथौरागढ़ जिले के चंडाक क्षेत्र में जंगली मशरूम खाने से एक मजदूर परिवार के चार सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर साथी मजदूरों ने सभी को शुक्रवार देर शाम जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज चल रहा है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है और अब भी चारों पेट दर्द व दस्त से जूझ रहे हैं। पीएमएस डॉ. भागीरथी गर्ब्याल ने बताया कि चारों मरीजों का इलाज पूरी गंभीरता से किया जा रहा है। चिकित्सक लगातार उनकी निगरानी कर रहे हैं और स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
जंगली मशरूम खाने से दो की मौत, 10 लोग पहुंच चुके हैं अस्पताल..
आपको बता दे कि मुनस्यारी में जंगली मशरूम खाने से पिछले दिनों नानी और नातिन की मौत हो चुकी है। हल्द्वानी एसटीएच रेफर करने के बाद भी दोनों की जान नहीं बचाई जा सकी थी। अब तक धारचूला और मुनस्यारी क्षेत्र के 10 लोग जंगली मशरूम खाने से जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं जिनकी बमुश्किल जान बचाई गई। सीएमओ डॉ. एसएस नबियाल ने कहा कि विभाग लगातार जंगली मशरूम के दुष्प्रभाव बताकर लोगों को जागरूक कर रहा है। इसके बाद भी लोग जागरूकता न दिखाकर अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंगली मशरूम खाने से लोगों की जान भी जा सकती है। ऐसे में लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। उन्होंने अपील की कि लोग किसी भी हाल में जंगली मशरूम का सेवन न करें, क्योंकि यह घातक साबित हो सकता है।

