35 दिन बाद गंगोत्री धाम में गूंजे जयकारे, सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने किए मां गंगा के दर्शन..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले में आई धराली आपदा और अतिवृष्टि के चलते पिछले 35 दिनों से ठप पड़ी गंगोत्री धाम यात्रा में अब फिर से रौनक लौट आई है। मंगलवार, 9 सितंबर को 100 से अधिक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन के लिए गंगोत्री धाम पहुंचे। लंबे समय बाद मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ देख स्थानीय लोगों और व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे। बता दे कि धराली क्षेत्र में आई आपदा और लगातार हुई भारी बारिश से भटवाड़ी से धराली तक गंगोत्री हाईवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। हाईवे बंद होने से गंगोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह रुक गई थी। पिछले एक महीने से अधिक समय से जिला प्रशासन और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) लगातार हाईवे को खोलने में जुटे हुए थे। अथक प्रयासों के बाद आखिरकार गंगोत्री हाईवे को यातायात के लिए खोल दिया गया, जिससे धाम तक श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो पाई। प्रशासन के अनुसार यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के कार्य अभी भी जारी हैं, ताकि आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से गंगोत्री धाम पहुंच सकें। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यात्रा बहाल होने से उनकी आजिविका और व्यापार को भी सहारा मिलेगा। गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं के पहुंचने से एक बार फिर से भक्ति और आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है।
मंगलवार 9 सितंबर को धाम के कपाट खुलने के बाद दिनभर में करीब सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा-अर्चना कर मां गंगा के दर्शन किए। शाम छह बजे तक मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ जुटी रही। श्रद्धालुओं ने गंगाजल भरकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया और फिर सभी तीर्थयात्री वापस जनपद मुख्यालय लौट आए। गौरतलब है कि मंगलवार को कोई भी श्रद्धालु रात में गंगोत्री धाम में नहीं रुका। आपदा और लगातार बारिश के चलते भटवाड़ी से धराली तक गंगोत्री हाईवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे धाम की यात्रा पूरी तरह ठप हो गई थी। जिला प्रशासन और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार मार्ग को आंशिक रूप से खोल दिया गया, जिससे श्रद्धालुओं के लिए धाम के कपाट फिर से सुगम हो गए। गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की वापसी से तीर्थपुरोहितों और चारधाम से जुड़े व्यापारियों में खुशी की लहर है। लंबे समय से सूनी पड़ी धामनगरी में अब धीरे-धीरे चहल-पहल लौटने लगी है। प्रशासन का कहना है कि मार्ग को स्थायी रूप से सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं, ताकि आने वाले दिनों में अधिक संख्या में श्रद्धालु धाम की यात्रा कर सकें।
जिला प्रशासन और होटल एसोसिएशन की बैठक में बीते शुक्रवार को निर्णय लिया गया था कि शनिवार से गंगोत्री धाम की यात्रा शुरू की जाएगी। इसमें यह भी निश्चित हुआ था कि चार दिन तक शटल सेवा के माध्यम से यात्रियों को जनपद मुख्यालय से गंगोत्री धाम भेजा जाएगा, लेकिन पिछले तीन दिन गंगोत्री हाईवे अलग-अलग समय पर बंद होने के कारण यात्रा शुरू नहीं हो पाई। वहीं मंगलवार को जनपद मुख्यालय में रुके हुए यात्रियों को प्रशासन की ओर से शटल सेवा के माध्यम से स्थानीय वाहनों द्वारा गंगोत्री धाम भेजा गया। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित सुमन सेमवाल ने कहा कि भक्तों के गंगोत्री धाम पहुंचने पर आपदा के बाद एक बार फिर सुरक्षित चारधाम यात्रा की उम्मीद जगी है। आपदा के 35 दिन बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत से गंगोत्री धाम पहुंचे यात्रियों ने गंगा जी के दर्शन किए और उसके बाद जल भरकर वापस जनपद मुख्यालय लौटे। पंवार ने कहा कि अभी तीन से चार दुकानें ही गंगोत्री धाम में खुली है। अगर यात्रा दोबारा चरम पर आती है, तो जल्द ही दुकानें और ढाबे खुलने शुरू हो जाएंगे। जिला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि आपदा के बाद गंगोत्री धाम की यात्रा शुरू होने से चारधाम यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं आगामी 11 और 12 सितंबर को यात्रियों की अच्छी बुकिंग है। फिलहाल प्रशासन के निर्देश पर यात्रा का संचालन शटल सेवा के माध्यम से ही किया जाएगा।

