रुद्रप्रयाग में राशन कार्ड सत्यापन अभियान तेज, अपात्रों पर कार्रवाई..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत जारी राशन कार्डों का सत्यापन पूरे प्रदेश में चल रहा है। इस कड़ी में रुद्रप्रयाग जिले में भी सत्यापन कार्य तेज़ी और पारदर्शिता के साथ जारी है। जिला पूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार 8 अगस्त से 20 अगस्त के बीच 15,495 राशन कार्डों का सत्यापन किया जा चुका है, जिनमें से 1,840 कार्डधारकों को अपात्र घोषित कर सूची से हटा दिया गया है। मंगलवार को जिलाधिकारी प्रतीक जैन की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर सत्यापन कार्य को और तेज़ी से किया जाए, ताकि जिले में वास्तविक पात्र लाभार्थियों की पहचान समयबद्ध तरीके से हो सके।
डीएम प्रतीक जैन ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजनाओं का लाभ उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तव में इसके हकदार हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी कि सत्यापन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दे कि राशन कार्ड सत्यापन के इस अभियान के तहत विभागीय टीमें लगातार गांव-गांव जाकर लाभार्थियों की जानकारी जुटा रही हैं। अपात्र पाए गए कार्डधारकों को सूची से बाहर किया जा रहा है, जबकि पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ दिलाने की तैयारी की जा रही है।
डीएम प्रतीक जैन ने मुख्य विकास अधिकारी को पूरे सत्यापन ड्राइव की सख्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को क्षेत्रवार सत्यापन प्रक्रिया की गहन निगरानी करने को कहा। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ पात्र लोगों को ही राशन कार्ड का लाभ मिले, अपात्रों को लाभ पहुंचाने की स्थिति किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राशन कार्ड सत्यापन अभियान के तहत विभागीय टीमें गांव-गांव जाकर जांच कर रही हैं। इस प्रक्रिया से न केवल अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया जा रहा है बल्कि सही मायने में हकदार परिवारों को योजनाओं का लाभ दिलाने की तैयारी की जा रही है।
डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर सत्यापन को और तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए और पात्र लाभार्थियों की पहचान हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारियों को अभियान की सख्त मॉनिटरिंग करने को कहा। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ पात्र लोगों को ही राशन कार्ड का लाभ मिले और किसी भी स्तर पर अपात्रों को लाभ पहुंचाने की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने कहा कि सत्यापन का कार्य गांवों और शहरी क्षेत्रों में गठित विशेष टीमों द्वारा किया जा रहा है, जो घर-घर जाकर प्रत्येक राशन कार्डधारक की जानकारी जुटा रही हैं। उन्होंने कहा कि NFSS योजना के तहत जिनकी मासिक आय ₹15,000 से कम है, उन्हें पात्र माना जाता है। राज्य खाद्य योजना में ₹5 लाख वार्षिक आय की सीमा तय की गई है। डीएफओ कोहली ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह जनहित में चलाया जा रहा है, ताकि सरकार की खाद्य सुरक्षा योजनाओं का वास्तविक लाभ सही पात्रों तक पहुंचे और अपात्रों की पहचान कर योजनाओं में पारदर्शिता लाई जा सके।
सीएम धामी ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड या अन्य दस्तावेज़ बनाए हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, ऐसे फर्जी दस्तावेज़ बनाने में शामिल व्यक्तियों और कर्मचारियों को भी किसी सूरत में बख्शा न जाए। सत्यापन अभियान के दौरान मिली रिपोर्ट्स के अनुसार कई अपात्र परिवारों ने वर्षों तक योजनाओं का लाभ उठाया है। अब प्रशासन ऐसे सभी मामलों की छानबीन कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध आर्थिक व कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। सरकार का स्पष्ट कहना है कि खाद्य सुरक्षा और अन्य सामाजिक योजनाओं का लाभ केवल पात्र और जरूरतमंद परिवारों तक ही पहुंचे, ताकि वास्तविक लाभार्थियों को न्याय मिल सके और योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहे।


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