November 18, 2025
उत्तराखंड

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बसेंगे नए शहर, बिल्वकेदार से होगी शुरुआत..

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बसेंगे नए शहर, बिल्वकेदार से होगी शुरुआत..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे निरंतर पलायन को थामने के लिए अब नए शहरों के विकास पर फोकस कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित बिल्वकेदार क्षेत्र में एक नए शहर को बसाने की योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस परियोजना के लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UDA) को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण को इस माह के भीतर परियोजना के लिए कंसल्टेंट का चयन कर महायोजना (मास्टर प्लान) और शहर का मॉडल तैयार करने को कहा गया है। मंत्री ने कहा कि इस प्रस्तावित शहर को आधुनिक बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे पहाड़ों में रोजगार, व्यापार और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और स्थानीय लोगों को पलायन की मजबूरी से मुक्ति मिल सके।बिल्वकेदार क्षेत्र, जो कि धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से भी एक उपयुक्त स्थान है, को इस परियोजना के लिए चुना गया है। सरकार की मंशा है कि यह शहर एक आदर्श हिल टाउन के रूप में विकसित हो, जिससे अन्य पहाड़ी जिलों में भी ऐसे शहरों को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। सरकार की यह पहल पलायन की चुनौती से जूझ रहे पर्वतीय उत्तराखंड के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।

राज्य के आवास विभाग की पहल पर अब पर्वतीय जिलों में नए और आधुनिक शहरी केंद्रों की स्थापना की योजना पर गंभीरता से काम शुरू हो चुका है।कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस दिशा में पहल करते हुए हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र में ‘उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम’ में संशोधन विधेयक पारित कराया गया है। यह संशोधन पर्वतीय क्षेत्रों में नियोजित विकास को कानूनी ढांचा और गति देगा। इसके बाद उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UDA) ने इस नीति को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत अध्ययन और क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों पर आबादी का अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में नियोजित शहर बसाना अब जरूरत बन गया है। नई टिहरी के बाद से अब तक राज्य में कोई नया नियोजित शहर नहीं बस पाया है, जिसे अब बदलने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शहरों में भू-स्थान, सड़क कनेक्टिविटी, जल-संसाधन, रोजगार के अवसर, आपदा सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। सरकार की यह पहल न केवल पलायन पर नियंत्रण की दिशा में मददगार होगी, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उनके नजदीक उपलब्ध होंगी।

आवास विभाग के माध्यम से श्रीनगर (पौड़ी) स्थित बिल्वकेदार में एक नया शहर बसाने की योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस नई योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्र में भी एक अन्य नियोजित शहर की स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जहां भूमि चयन की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और पलायन को देखते हुए अब पहाड़ों में नए शहरी केंद्रों की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य कर रही है। इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुशासन को लेकर भी स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सजग नागरिक ही सुशासन की असली ताकत हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आमजन को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध रूप से मिले। इसके लिए सरकारी कर्मियों को सरकार की भावना के अनुरूप सेवा व सुशासन को प्राथमिकता देनी होगी। सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नवगठित शहरों में योजनाबद्ध विकास, आधारभूत सुविधाएं, रोजगार के अवसर और नागरिक सुविधा केंद्र समय से उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि पलायन की गति को रोका जा सके और स्थानीय लोगों को उनका गांव-इलाका न छोड़ना पड़े।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को विकासखंड यमकेश्वर के निवासियों के साथ मुख्य सेवक सदन से वर्चुअल संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य सरकार की जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार सीएम डैशबोर्ड और सीएम हेल्पलाइन जैसे माध्यमों से जनसमस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में कार्य कर रही है। सीएम ने कहा कि समस्याओं के शीघ्र निस्तारण हेतु एक त्वरित समाधान दल (Rapid Response Team) का गठन किया गया है, जिसे प्रायोगिक तौर पर पहले चरण में पौड़ी जिले में तैनात किया गया है। इसका सीधा लाभ यमकेश्वर क्षेत्र के लोगों को मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति की समस्याएं सुनी जाएं और उसका समाधान तय समय में हो। इसी उद्देश्य से तकनीक और प्रशासनिक दक्षता का समन्वय कर जनसंपर्क माध्यमों को सशक्त किया गया है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर संवाद को बढ़ाएं और शासन की योजनाओं के बारे में लोगों को अधिकतम जानकारी दें।

यमकेश्वर विकासखंड के नागरिकों से वर्चुअल संवाद के दौरान जिला प्रशासन पौड़ी की सराहना की और कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम जनसरोकारों को शासन से जोड़ने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सीएम ने जिलाधिकारी पौड़ी और उनकी टीम द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास राज्य में “रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म” की सोच को आगे बढ़ाता है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह कार्यक्रम भविष्य में भी संगठित और प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ेगा। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है, और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उत्तराखंड इस दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर कई जनोपयोगी योजनाएं लागू की हैं तथा नीतियों में आवश्यक संशोधन भी किए जा रहे हैं ताकि अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे। इस संवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हमेशा तत्पर है।

 

 

 

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