उत्तराखंड के मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी अनिवार्य, नए सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल होगा विषय..
उत्तराखंड: मदरसा शिक्षा बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के सभी मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी को अनिवार्य रूप से छात्रों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि अब मदरसों की असेंबली में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी जाएगी, साथ ही इसे नए शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि यह कदम छात्रों में राष्ट्रप्रेम, जागरूकता और सुरक्षा बलों के बलिदान के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ देश की सुरक्षा और गौरव से जुड़ा एक ऐतिहासिक सैन्य अभियान है, जिसकी जानकारी हर छात्र को होनी चाहिए – चाहे वह किसी भी शैक्षिक पृष्ठभूमि से क्यों न हो। यह निर्णय मदरसा शिक्षा को सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। बोर्ड का कहना है कि इससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को देश की सैन्य, रणनीतिक और ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी भी प्राप्त होगी और वे सुरक्षा बलों के प्रति अधिक सजग और संवेदनशील बन सकेंगे।
उनका कहना हैं कि राज्य में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड से 450 मदरसे पंजीकृत हैं। राज्य के मदरसों में आपरेशन सिंदूर का पाठ पढ़ाने की तैयारी है। कासमी कहते हैं कि जल्द ही बोर्ड का परिणाम भी आने वाला है और नया सेशन शुरू होगा। इसका पाठ तैयार करने का काम पाठ्यक्रम समिति करेगी।पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें शिक्षाविदों, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। इसके दो से तीन अध्याय तैयार किए जाएंगे। फिर अध्याय को मदरसों में होने वाली असेंबली में बच्चों को बताया जाएगा। इन अध्याय के माध्यम से बच्चे आपरेशन सिंदूर, शौर्य-पराक्रम के बारे में जान सकेंगे। उत्तराखंड से यूसीसी जैसी शुरुआत हुई है, इसी तरह की ये शुरुआत यहां से होगी। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑपरेशन सिंदूर को पढ़ाने की व्यवस्था करने की वकालत की।


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