November 17, 2025
उत्तराखंड

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से की अपील, कहा अपनी शिक्षा को राष्ट्र सेवा में करें समर्पित..

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से की अपील, कहा अपनी शिक्षा को राष्ट्र सेवा में करें समर्पित..

 

उत्तराखंड: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के 20वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान कीं। समारोह में प्रदेश की राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) बतौर कुलाधिपति भी उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन और विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ। इसके बाद मंच पर पहुंचे राष्ट्रपति मुर्मू का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। इसका उद्देश्य केवल विद्यार्थियों की बुद्धि और कौशल का विकास करना ही नहीं, बल्कि उनके नैतिक मूल्यों और चरित्र निर्माण को भी सुदृढ़ बनाना है।

उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि वे समाज और देश के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें सही दिशा और दृष्टि देने की आवश्यकता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और तकनीकी नवाचार को आधुनिक शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाने पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय ने शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है, ताकि यह राज्य ‘ज्ञान और कौशल का केंद्र’ बन सके। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि राष्ट्रपति का यहां आना विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने जीवन में अनुशासन, सत्यनिष्ठा और सेवा भाव को बनाए रखें। दीक्षांत समारोह में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, अध्यापकों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भाग लिया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि शिक्षा हमें आत्मनिर्भर बनाती है और विनम्र रहना सिखाती है। यही गुण हमें समाज की सेवा और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करते हैं। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सरकार निरंतर आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अनेक नीतिगत पहल कर रही है, जो युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही हैं। राष्ट्रपति ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया कि वे युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें और उन्हें नवाचार अनुसंधान और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथ में है, और जब शिक्षित युवा समाज सेवा, तकनीकी प्रगति और नैतिक मूल्यों को अपनाएंगे, तभी भारत विश्व गुरु बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा। राष्ट्रपति मुर्मू के प्रेरणादायक संबोधन के दौरान छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

 

 

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