उत्तराखंड भू-अभिलेख डिजिटलीकरण में निभा रहा अग्रणी भूमिका, केंद्र सरकार से मिल रहा पूर्ण सहयोग..
उत्तराखंड: केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड को अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण भारत में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी सराहनीय रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीएम धामी के कुशल नेतृत्व में राज्य DILRMP के अंतर्गत नई उपलब्धियां हासिल करेगा। बता दे कि इस कार्यक्रम के तहत भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, अद्यतन रिकॉर्ड तैयार करना और पारदर्शिता लाना प्रमुख उद्देश्य हैं। केन्द्र द्वारा मिलने वाली अतिरिक्त राशि से उत्तराखंड को भूमि सुधारों और डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड को डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। सीएम धामी ने हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर ₹478.50 करोड़ की विशेष सहायता की मांग की थी। इसमें उन्होंने लिडार जैसी आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक के जरिए उत्तराखंड की सम्पूर्ण भूमि के पुनः सर्वेक्षण के लिए ₹350 करोड़ की स्वीकृति देने और तहसील स्तर पर बन रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के लिए बकाया धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था। सीएम धामी ने राज्य की भू-अभिलेख सुधार प्रक्रिया को गति देने और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड सिस्टम को मजबूत करने के लिए केंद्र से यह सहयोग मांगा है। केंद्रीय मंत्री चौहान ने न केवल राज्य के प्रयासों की सराहना की, बल्कि भरोसा जताया कि उत्तराखंड आने वाले समय में DILRMP के क्रियान्वयन में देश के लिए मॉडल राज्य बनकर उभरेगा।
डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत उत्तराखंड को केंद्रीय सहयोग लगातार मिल रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि DILRMP के तहत राज्य में पांच गांवों में सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण का प्रयोगिक परीक्षण किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परीक्षण कार्य में उत्तराखंड को पूर्ण केंद्रीय सहयोग मिलेगा। परीक्षण के परिणामों के आधार पर राज्य के सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य का विस्तार किया जाएगा और इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों की बकाया धनराशि भी शीघ्र राज्य को जारी कर दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री चौहान ने यह भी कहा कि एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत राज्य को वित्तीय सहायता देने के मामले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है और वे स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। यह सहयोग राज्य में डिजिटल भूमि प्रबंधन और कृषि सुधारों के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जिससे कृषक हितों की सुरक्षा और भू-अधिकारों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
उत्तराखंड राज्य सरकार सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ-साथ भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के कार्य को तेजी और पारदर्शिता के साथ पूरा करने में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि भूमि से संबंधित सभी प्रक्रियाएं डिजिटल, पारदर्शी और जन-सुलभ हों। इसी क्रम में भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और आधुनिक भूमि प्रबंधन प्रणाली को तेजी से लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के अंतर्गत उत्तराखंड को निधि, तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन भी लगातार मिल रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया है और कहा है कि केंद्र के सहयोग से यह अभियान अब अधिक गति और दिशा प्राप्त करेगा। उत्तराखंड, इस राष्ट्रव्यापी अभियान में मॉडल स्टेट बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।


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