November 17, 2025
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बिजली बिल में जुलाई में 22 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी, आयोग ने एक माह के लिए दी सशर्त अनुमति..

बिजली बिल में जुलाई में 22 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी, आयोग ने एक माह के लिए दी सशर्त अनुमति..

 

उत्तराखंड: पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने उपभोक्ताओं को जुलाई महीने में महंगा बिजली बिल मिलने की सूचना दी है। दरअसल बिजली की खरीद और एफपीपीसीए (फ्यूल प्राइस एंड पावर परचेज कॉस्ट अडजस्टमेंट) के तहत तीन महीनों के हिसाब से 22.73 करोड़ रुपये की रिकवरी की अनुमति नियामक आयोग द्वारा दे दी गई है। इसका असर जून महीने के बिलों पर दिखाई देगा, जुलाई में यह वसूली की जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली करीब 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी पड़ेगी। UPCL ने कहा कि यह वृद्धि अस्थायी रूप से तीन महीने की अवधि की लागत और छूट के समायोजन के आधार पर की गई है। जुलाई के बिलों में यह अतिरिक्त शुल्क अलग से जोड़ा जाएगा। एफपीपीसीए चार्ज बिजली कंपनियों को लागत में हुए उतार-चढ़ाव के अनुसार उपभोक्ताओं से अतिरिक्त वसूली की अनुमति देता है।

UPCL अब हर महीने की बिजली खरीद लागत के आधार पर उपभोक्ताओं के बिलों में फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) के तहत छूट या वसूली करेगा। यह निर्णय बिजली खरीद की लागत में पारदर्शिता और संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। एफपीपीसीए प्रणाली के तहत यदि किसी महीने में यूपीसीएल निर्धारित दरों से ऊँची कीमत पर बिजली खरीदता है, तो उस लागत की भरपाई उपभोक्ताओं से की जाएगी। वहीं अगर बिजली की खरीद कम दर पर होती है, तो उपभोक्ताओं को उसका लाभ छूट के रूप में मिलेगा। यूपीसीएल हर महीने और तिमाही आधार पर इस खरीद-फरोख्त की विस्तृत रिपोर्ट नियामक आयोग (यूईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत करता है। आयोग की स्वीकृति के बाद ही यह समायोजन उपभोक्ताओं के बिल में परिलक्षित होता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि बिजली उपभोक्ताओं को वास्तविक लागत के आधार पर बिल मिले और बिजली कंपनी की आर्थिक स्थिति भी संतुलित बनी रहे।

बिजली नियामक आयोग में एक याचिका दायर कर 22.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली की अनुमति मांगी थी, जिस पर आयोग ने मुहर लगा दी है।यूपीसीएल ने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर 2024 की तिमाही में एफपीपीसीए (फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट) के तहत उपभोक्ताओं से 35 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी, जबकि इस अवधि में कुल बिजली खरीद लागत 57.73 करोड़ रुपये रही। इस प्रकार, कंपनी को 22.73 करोड़ रुपये का अंतर वहन करना पड़ा। इस अंतर की भरपाई के लिए यूपीसीएल ने आयोग से जून महीने के बिलों में समायोजन कर जुलाई में वसूली की अनुमति मांगी, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। इसके चलते जुलाई में बिजली दरों में औसतन 20 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा होगा। यह वृद्धि एफपीपीसीए तंत्र के अंतर्गत की गई है, जिसके तहत हर तिमाही बिजली खरीद लागत के आधार पर उपभोक्ताओं से छूट या अतिरिक्त वसूली की जाती है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एम.एल. प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने जून माह के बिलों में इस वसूली को सशर्त अनुमति दी है, जिसकी वसूली जुलाई में की जाएगी। आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यूपीसीएल का माहवार ऑडिट आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस वसूली की राशि का अलग से लेखा-जोखा रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ न पड़े।इस आदेश के तहत बिजली दरों में औसतन 22 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह बढ़ोतरी केवल एक माह के लिए लागू रहेगी।

बाजार से तीन करोड़ यूनिट बिजली खरीद रहा यूपीसीएल
प्रदेश में दो दिन मौसम का नरम रुख रहने के चलते बिजली की मांग में करीब 50 से 80 लाख यूनिट की कमी आई है। अब बिजली की मांग 4.9 करोड़ यूनिट है, जिसके सापेक्ष आपूर्ति भी पूरी की जा रही है। केंद्रीय पूल से राज्य को 2.2 करोड़ और राज्य से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है। बाकी की पूर्ति के लिए यूपीसीएल रोजाना करीब तीन करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा है। निगम का दावा है कि फिलहाल कहीं भी कटौती नहीं की जा रही है।

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