November 17, 2025
उत्तराखंड

आपदा प्रभावित जिलों का दौरा कर केंद्र की टीम ने सीएम धामी से की मुलाकात..

आपदा प्रभावित जिलों का दौरा कर केंद्र की टीम ने सीएम धामी से की मुलाकात..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम बुधवार को राजधानी देहरादून पहुंची और सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। सचिवालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में टीम ने प्रभावित जिलों का दौरा कर जुटाए गए अनुभवों और फीडबैक को साझा किया। सीएम धामी ने बैठक में कहा कि उत्तराखंड देश का आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है। हर साल मानसून के दौरान यहां अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव जैसी गंभीर चुनौतियाँ सामने आती हैं। उन्होंने जोर दिया कि इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर ठोस रणनीति पर काम करना होगा। सीएम धामी ने विशेष रूप से कहा कि भूस्खलन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से अधिक सटीक पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करना जरूरी है। उन्होंने टीम से अपेक्षा जताई कि राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए केंद्र से हर संभव सहयोग मिलेगा। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्यों को किस तरह तेजी और प्रभावशीलता के साथ आगे बढ़ाया जाए, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।

सीएम धामी ने कहा कि पहाड़ी राज्य में बादल फटना और भूस्खलन जैसी घटनाएँ न केवल जान-माल की हानि करती हैं, बल्कि जमीन का स्थाई नुकसान भी कर देती हैं। ऐसे क्षेत्रों को दोबारा खेती-बाड़ी या निर्माण कार्यों के लिए उपयोग में लाना संभव नहीं हो पाता। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। अंतर-मंत्रालयी टीम के सदस्यों ने बीते दिनों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों का दौरा किया और वहां आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों की स्थिति का भी जायजा लिया।बैठक में सीएम ने केंद्र से अपेक्षा जताई कि राज्य की संवेदनशील भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपदा पूर्वानुमान और रोकथाम प्रणाली को मजबूत करने, साथ ही राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए अतिरिक्त सहयोग दिया जाए। अंतर मंत्रालयी टीम ने आपदा प्रभावितों से बातचीत कर मिले फीड बैक बताते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में संचालित राहत कार्यों को सराहनीय बताया। आपदा प्रभावितों के लिए राहत शिविरों में रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था, मौके पर ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था को भी केन्द्रीय टीम ने बेहतर बताया।

केन्द्रीय टीम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदा में मृतकों के परिजनों तथा जिनके घर पूरे क्षतिग्रस्त हुए हैं। उनकोे पांच लाख की तात्कालिक सहायता राशि दिए जाने से भी प्रभावितों को काफी राहत मिली है। राज्य में सभी गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध होने और उनके स्वास्थ्य व सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था हेतु निरंतर संपर्क रखने की पहल की भी केन्द्रीय टीम ने सराहना की। टीम के सदस्यों ने कहा कि इस तरह की महत्वपूर्ण पहल को अन्य राज्यों में भी अपनाने के लिए अपना सुझाव प्रस्तुत करेगी। केन्द्रीय टीम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन व बाढ़ से नदियों में अत्यधिक मात्रा में सिल्ट भर जाने के कारण जल स्तर ऊपर उठने से भविष्य में नुकसान की संभावना को भी भ्रमण के दौरान उनके संज्ञान में लाया गया हैं।

 

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