रजत जयंती वर्ष पर ऐतिहासिक सत्र की तैयारी, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में तय होगा उत्तराखंड का भविष्य..
उत्तराखंड: उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। आगामी 9 नवंबर 2025 को प्रदेश अपनी रजत जयंती वर्षगांठ मनाएगा। इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई विशेष कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। इसी क्रम में राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 3 और 4 नवंबर को देहरादून में आहूत किया जा रहा है। यह सत्र इसलिए भी बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर राज्य के विकास की दिशा पर चर्चा करेंगे। विशेष सत्र के दौरान बीते 25 वर्षों में प्रदेश की उपलब्धियों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले वर्षों के लिए विकास का नया रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस सत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यटन, बुनियादी ढांचा, आयुष और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर गहन विमर्श होगा। सरकार का उद्देश्य है कि रजत जयंती वर्ष को अवसर बनाकर उत्तराखंड को देश के उत्कृष्ट और आत्मनिर्भर राज्यों की श्रेणी में शामिल किया जा सके। राजनीतिक हलकों में इस सत्र को उत्तराखंड के भविष्य की दिशा तय करने वाला सत्र माना जा रहा है।
उत्तराखंड में इस बार राज्य स्थापना दिवस ऐतिहासिक होने जा रहा है। जहां हर वर्ष की तरह इस बार भी भव्य आयोजन किए जाएंगे, वहीं इस वर्ष की खासियत यह है कि उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। राज्य सरकार इसे रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रही है। राज्य सरकार द्वारा आगामी 3 नवंबर को देहरादून में आयोजित होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। यह पहली बार होगा जब किसी राज्य की रजत जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति सीधे विधानसभा सत्र में मौजूद रहेंगी। इसके साथ ही राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर को आयोजित होने वाले भव्य राज्य स्थापना महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। राज्य सरकार और प्रशासन ने इस मौके को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रमों के आयोजन में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। पूरे प्रदेश में रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विभिन्न सांस्कृतिक, विकासपरक और सम्मान समारोहों का आयोजन भी किया जाएगा। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि यह अवसर न केवल राज्य के लिए गौरव का प्रतीक होगा, बल्कि उत्तराखंड के विकास के नए अध्याय की शुरुआत भी करेगा।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि आगामी 3 और 4 नवंबर को देहरादून स्थित विधानसभा भवन में आयोजित होने वाला दो दिवसीय विशेष सत्र राज्य के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। यह सत्र न केवल प्रदेश की रजत जयंती वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है, बल्कि इसमें राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियों और आने वाले वर्षों की दिशा पर व्यापक चर्चा होगी। सीएम धामी ने कहा कि विशेष सत्र में प्रदेश के विकास, अनुभवों और भविष्य के रोडमैप पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सुझाव लेकर यह तय किया जाएगा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को देश के अग्रणी और आदर्श राज्यों में कैसे शामिल किया जाए। सीएम धामी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड आने वाले समय में न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि देश के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरे।
इस विशेष सत्र में हम सब मिलकर राज्य के विकास की नई दिशा तय करेंगे। राज्य स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में आयोजित होगा, जबकि 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे। राज्य सरकार का उद्देश्य इस ऐतिहासिक अवसर को न केवल गौरव का प्रतीक, बल्कि भविष्य के लिए नीति निर्माण का मंच बनाना है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। क्योंकि राज्य के 25 साल की यात्रा पूरी हो रही है. ऐसे में राज्य स्थापना दिवस को राज्य के रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। स्थापना दिवस के इस रजत जयंती वर्ष में उत्साह का वातावरण बने, उत्तराखंडवासी मोटिवेट करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रेरक बनेंगे। साथी सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हम सभी के प्रेरक हैं, ऐसे में उनके आने से हम सभी का उत्साहवर्धन होता है।


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