November 17, 2025
उत्तराखंड

पीएम मोदी के दौरे से शीतकालीन यात्रा को मिल सकती है नई रफ्तार..

पीएम मोदी के दौरे से शीतकालीन यात्रा को मिल सकती है नई रफ्तार..

ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति भेंट करने पर स्थानीयों में खुशी..

 

उत्तराखंड: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ने प्रदेश की धार्मिक पर्यटन संभावनाओं को नई दिशा दी है। विशेष रूप से केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम की शीतकालीन यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में नई उम्मीद जगी है। कार्यक्रम के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ की प्रतिमूर्ति भेंट की। यह मंदिर पंचकेदारों में से श्री केदारनाथ और भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। सीएम की इस पहल ने श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में उत्साह भर दिया है। स्थानीय पुजारियों और व्यापारियों का कहना है कि ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति का प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचना, आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे शीतकालीन सीजन में भी तीर्थाटन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ओंकारेश्वर मंदिर को पंचकेदार गद्दी स्थल होने का विशेष सौभाग्य प्राप्त है। जब सर्दियों में केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तब भगवान केदारनाथ और मदमहेश्वर की पूजा-अर्चना यहीं उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होती है।राज्य सरकार के प्रयासों और प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से अब उम्मीद है कि शीतकालीन यात्रा भी उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन के नए अध्याय के रूप में स्थापित होगी।

केदारनाथ धाम के वरिष्ठ पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ और मदमहेश्वर की पूजा-अर्चना उन्हीं विधि-विधान से की जाती है, जैसी मुख्य धामों में होती है। श्रद्धालुओं को यहां दर्शन का वही आध्यात्मिक लाभ मिलता है, जो केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम में प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं, और अब द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद होने के साथ ही भगवान की डोली उखीमठ पहुंचाई जाएगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन दर्शन के लिए पहुंचेंगे। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों को सजाया जा रहा है। स्थानीय लोग इस आयोजन को धार्मिक आस्था और पर्यटन विकास दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण मानते हैं। ओंकारेश्वर मंदिर पंचकेदारों में विशिष्ट स्थान रखता है, क्योंकि यह भगवान केदारनाथ और मदमहेश्वर दोनों की शीतकालीन गद्दी स्थल है। यहां छह माह तक पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजन होते हैं, जिससे उखीमठ क्षेत्र धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है। पिछले सप्ताह सीएम धामी से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दिए जाने को लेकर चर्चा हुई थी। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री को ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिकृति दिए जाने के बाद क्षेत्रवासियों में शीतकालीन यात्रा के बढ़ावे की उम्मीद जगी है। यह क्षेत्रवासियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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