मानसून का असर, केदारनाथ यात्रा में आई भारी गिरावट, जुलाई में अब तक सिर्फ 27 हजार श्रद्धालु पहुंचे..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में मानसून के सक्रिय होते ही केदारनाथ धाम यात्रा की रफ्तार थम गई है। बीते एक सप्ताह से दैनिक दर्शनार्थियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसका सीधा असर केदारघाटी के बाजारों, पड़ाव स्थलों और केदारपुरी की व्यावसायिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। आंकड़ों के अनुसार मई 2025 में केदारनाथ धाम में 6,96,934 श्रद्धालु पहुंचे। जून 2025 में यह संख्या 6,18,000 से अधिक रही। लेकिन जुलाई के पहले नौ दिनों में केवल 27,280 श्रद्धालु ही धाम पहुंचे हैं। बुधवार को सबसे कम संख्या सिर्फ 1165 श्रद्धालु दर्ज की गई। यात्रा की इस सुस्ती की मुख्य वजह है मानसून के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बार-बार आने वाले अवरोध, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन लगातार मार्गों को खोलने और यात्रा को सुचारु बनाए रखने के प्रयास में जुटा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
मानसून के सक्रिय होने के बाद से केदारनाथ यात्रा की गति में आई सुस्ती अब व्यापार और व्यवस्थाओं पर गहराने लगी है। जहां एक तरफ श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय व्यापारी, होटल, कैंटीन संचालक और सरकारी एजेंसियां भी इस स्थिति से प्रभावित हो रही हैं। केदारनाथ में कैंटीन संचालक राकेश नेगी ने बताया यात्रा में कमी आने से कारोबार लगभग ठप हो गया है। ग्राहक नहीं हैं, लेकिन सामान और स्टाफ की लागत बनी हुई है। गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत के अनुसार यात्रियों की संख्या घटने से हर दिन कई होटल बुकिंग्स रद्द हो रही हैं। इससे निगम को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं बीकेटीसी (बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युदवीर पुष्पवाण ने जानकारी दी कि यात्रा में गिरावट जून के तीसरे सप्ताह से शुरू हुई थी। अब स्थिति यह है कि प्रतिदिन केवल 1,500 से 2,000 श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंच रहे हैं।स्थानीय व्यापारी और सेवा प्रदाता अब सरकार और प्रशासन से राहत और सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं, ताकि मानसून सीजन में होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।
चारधाम यात्रा के प्रमुख धामों में से एक बद्रीनाथ में इस वर्ष होटल व्यवसाय में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। भले ही श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आई हो, लेकिन होटल बुकिंग पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत तक कम रही है। चार मई 2025 से शुरू हुई यात्रा में अब तक 11 लाख 40 हजार से अधिक श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद होटल व्यवसायियों को उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल पाया। होटल व्यवसायियों का कहना है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत तक बुकिंग में कमी आई है। हालांकि यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या संतोषजनक बनी हुई है, लेकिन बाजार में ठहराव और रुकने की अवधि कम होने से व्यवसाय प्रभावित हुआ है। बद्रीनाथ होटल एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी रामनारायण भंडारी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार कारोबार कम होने के पीछे कई कारण हैं। ऑनलाइन पंजीकरण, यात्रा के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते काफी संख्या में होटलों की बुकिंग कैंसिल हुई हैं।होटल व्यवसायी अंशुमान भंडारी का कहना है कि 15 जून के बाद उनके होटल में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और केदारनाथ में हुईं हेली दुर्घटनाओं से उच्च तबके के लोग कम पहुंचे। जिससे व्यवसाय में काफी गिरावट आई है।
बरसात के कारण जगह-जगह हाईवे बंद होने से चारधाम यात्रा पर असर पड़ा है। बृहस्पतिवार को इस यात्रा सीजन के दौरान एक दिन में सबसे कम श्रद्धालु बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब पहुंचे। लगातार हो रही बारिश से बद्रीनाथ हाईवे जगह-जगह बंद हो रहा है। इससे बद्रीनाथ में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। बृहस्पतिवार को बद्रीनाथ में 1794 श्रद्धालु पहुंचे। धाम में अब तक 11 लाख 45 हजार 510 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। वहीं हेमकुंड साहिब में बृहस्पतिवार को 534 श्रद्धालु पहुंचे। यहां अब तक दो लाख 9073 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।


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