मसूरी में IAS अधिकारियों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला देंगे सुशासन का मंत्र..
उत्तराखंड: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला गुरुवार 12 जून को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे। इस एकदिवसीय दौरे के दौरान वह मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों को संबोधित करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ओम बिरला सुबह 9:45 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे, जहां से वह सड़क मार्ग से मसूरी के लिए रवाना होंगे। उनका कार्यक्रम 11:30 बजे अकादमी पहुंचने और वहां आयोजित सत्र में हिस्सा लेने का है। लोकसभा अध्यक्ष का यह दौरा प्रशासनिक प्रशिक्षण लोकतांत्रिक मूल्यों और लोकसभा की कार्यप्रणाली से जुड़ी जानकारी साझा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह उसी दिन दिल्ली के लिए वापस प्रस्थान करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में आयोजित 127वें इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेंगे और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों को संबोधित करेंगे। यह विशेष इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम देश के राज्य सिविल सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रोन्नत अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम में 19 राज्यों से कुल 97 अधिकारी शामिल हुए हैं, जिनमें 73 पुरुष और 24 महिला अधिकारी शामिल हैं। लोकसभा अध्यक्ष का यह दौरा प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों, संसदीय कार्यप्रणाली और जन सेवा की संवेदनशीलता पर मार्गदर्शन प्रदान करने का अवसर होगा।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में चल रहा 127वां इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम, न सिर्फ एक प्रशासनिक पाठ्यक्रम है, बल्कि यह ‘विकसित भारत @2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण और ‘मिशन कर्मयोगी’ के परिवर्तनकारी लक्ष्यों से प्रेरित एक रणनीतिक प्रयास है। यह विशेष कार्यक्रम राज्य सिविल सेवाओं से प्रोन्नत होकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए अधिकारियों के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे वे राज्य-स्तरीय प्रशासनिक भूमिकाओं से राष्ट्रीय-स्तर की नेतृत्व जिम्मेदारियों में सहज और प्रभावी रूप से संक्रमण कर सकें। अकादमी के अनुसार यह प्रशिक्षण न केवल व्यावहारिक दक्षता बढ़ाता है, बल्कि अधिकारियों को भारत के विकास एजेंडे के साथ संरेखित करने में भी सहायक है।
कार्यक्रम का उद्देश्य नीति निर्माण, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और संस्थागत नेतृत्व के लिए नैतिक, सक्षम और भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवकों का निर्माण करना है। यह कार्यक्रम सुशासन, व्यक्तित्व विकास, सहयोगात्मक शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नेतृत्व अंतर्दृष्टि, उद्यमिता और क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि के सात प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।

