November 18, 2025
उत्तराखंड

कॉर्बेट पाखरो सफारी केस में हरक सिंह रावत को क्लीन चिट, CBI-ED चार्जशीट में नहीं नाम..

कॉर्बेट पाखरो सफारी केस में हरक सिंह रावत को क्लीन चिट, CBI-ED चार्जशीट में नहीं नाम..

 

उत्तराखंड: कॉर्बेट पाखरो सफारी प्रकरण मामले में उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत को बड़ी राहत मिली है। रावत ने दावा किया है कि इस मामले में सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा की गई विस्तृत जांच में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। हरक सिंह रावत ने इस निर्णय को न्याय की जीत बताया और कहा कि उन्होंने हमेशा निष्ठा के साथ काम किया है और किसी भी प्रकार की अनियमितता में शामिल नहीं रहे। बता दे कि है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन में सफारी के नाम पर हुए कथित निर्माण कार्यों और पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन को लेकर लंबे समय तक जांच की मांग उठती रही थी। इस मामले में हरक सिंह रावत पर सवाल उठे थे, जब वह वन मंत्री के पद पर थे। अब जांच एजेंसियों द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद रावत ने कहा कि उनका नाम जानबूझकर घसीटा गया था, लेकिन सच्चाई सामने आ गई है।

हरक सिंह रावत का कहना हैं कि सीबीआई द्वारा कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में कई अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है और कुछ अफसरों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति शासन से मांगी गई है, लेकिन उनका नाम कहीं नहीं है। उन्होंने इसे अपनी निष्कलंक छवि का प्रमाण बताते हुए कहा कि जांच एजेंसियों ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। रावत ने कहा कि यह न्याय की जीत है और उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के चलते इस मामले में घसीटा गया था। अब सच्चाई सामने आ चुकी है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन में सफारी और निर्माण कार्यों को लेकर नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे थे, जिसमें जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की थी।

पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पाखरो टाइगर सफारी उनका सपना था और आज भी है। उन्होंने इसे सही नीयत से शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ लोगों ने निजी स्वार्थों के चलते उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाने का प्रयास किया। हरक सिंह रावत ने दावा किया कि CBI और ED की लंबी जांच के बाद भी उन्हें आरोप पत्र में नामित नहीं किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं लगाई है, ऐसे में यह अब भी संभावनाओं से भरा है। पूर्व वन मंत्री ने आगे कहा कि अगर भविष्य में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है, तो वह इस प्रोजेक्ट को पुनः शुरू करेंगे। उनके अनुसार यह परियोजना गढ़वाल के विकास और स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि पाखरो सफारी प्रकरण को लेकर पूर्व में कई सवाल उठाए गए थे, जिस पर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी। अब हरक सिंह रावत की ओर से क्लीन चिट मिलने का दावा सामने आया है।

 

 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    X