November 18, 2025
उत्तराखंड

पर्यटकों की भीड़ से जाम की समस्या खत्म करेगा दून-मसूरी रोपवे, 300 करोड़ की परियोजना पर तेज़ी से काम..

पर्यटकों की भीड़ से जाम की समस्या खत्म करेगा दून-मसूरी रोपवे, 300 करोड़ की परियोजना पर तेज़ी से काम..

 

उत्तराखंड: दून-मसूरी रोपवे परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार कुल 26 टावरों में से लगभग 20 टावरों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यह रोपवे उत्तराखंड के सबसे महत्वाकांक्षी पर्यटन प्रोजेक्ट्स में शामिल है। मसूरी के गांधी चौक में बन रहे अपर टर्मिनल पर समतलीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिसके बाद अब स्टील बाइंडिंग का काम किया जा रहा है। गांधी चौक से रोपवे तक पहुंचने के लिए एक नया मार्ग भी तैयार किया जा रहा है। इधर देहरादून के पुरुकुल क्षेत्र में लोअर टर्मिनल स्टेशन के तीन टावरों का निर्माण भी तेज़ी से चल रहा है। पार्किंग के लिए तीन मंजिल का ढांचा तैयार हो चुका है, और चौथी मंजिल का कार्य जल्द शुरू होगा। पर्यटन विभाग का कहना है कि यह परियोजना 2026 के अंत तक पूरी कर ली जाएगी और उसके तुरंत बाद इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। रोपवे के शुरू होने से देहरादून से मसूरी तक की दूरी महज 15-20 मिनट में तय हो सकेगी, जिससे पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी और ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।

पर्यटन सीजन में देहरादून से मसूरी तक पहुंचने वाले पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते जाम और अव्यवस्था की समस्या आम हो जाती है। मई से जुलाई तक हर दिन औसतन 25 हजार से अधिक पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं, जिससे मसूरी की सीमित क्षमता पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। देहरादून-मसूरी मार्ग अधिकतर समय जाम से जूझता है, और बरसात के दौरान भूस्खलन होने पर सड़क मार्ग बंद भी हो जाता है। इस चुनौती को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने वर्ष 2024 में 300 करोड़ रुपये की लागत से “दून-मसूरी रोपवे परियोजना” का खाका तैयार किया। परियोजना का उद्देश्य न केवल जाम की समस्या को कम करना है, बल्कि पर्यटकों को एक वैकल्पिक और सुरक्षित यात्रा सुविधा भी देना है। इस महत्वाकांक्षी योजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर लागू किया जा रहा है। “मसूरी स्काइवार” नामक कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा गया है, जिसने तेजी से कार्य शुरू कर दिया है। परियोजना पूर्ण होने के बाद देहरादून से मसूरी की यात्रा महज 15-20 मिनट में संभव होगी। पर्यटन विभाग का कहना है कि रोपवे के जरिए पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा, साथ ही स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी। परियोजना के 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

रोपवे का एक छोर देहरादून शहर से 12 किलोमीटर दूर पुरुकुल गांव में और दूसरा छोर गांधी चौक, मसूरी में बनाया जा रहा है। परियोजना के तहत पुरुकुल टर्मिनल का फाउंडेशन कार्य पूर्ण हो चुका है और अब टावर निर्माण का कार्य जोरों पर है। इस आधुनिक रोपवे की कुल लंबाई 5.5 किलोमीटर होगी, जो घने जंगलों और पहाड़ियों से गुजरते हुए एक रोमांचक सफर का अनुभव देगा। इस रोपवे की एक बार में 1300 पर्यटकों को ले जाने की क्षमता होगी, जिससे मसूरी की यात्रा सिर्फ 15 मिनट में पूरी हो सकेगी। आमतौर पर देहरादून से मसूरी सड़क मार्ग से 33 किलोमीटर की दूरी तय करने में 1.5 घंटे तक का समय लगता है, जो रोपवे के माध्यम से बेहद आसान और तेज़ हो जाएगा।

दून-मसूरी रोपवे परियोजना तकनीकी रूप से बेहद आधुनिक होने जा रही है। इस रोपवे के केबिन, रोप और अन्य सभी संसाधन यूरोप के फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। शुरुआत में 55 केबिन लाए जाएंगे, जबकि बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर 71 की जाएगी। हर केबिन में 10 पर्यटकों के बैठने की क्षमता होगी और इनके दरवाजे ऑटोमैटिक तरीके से खुलेंगे और बंद होंगे। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रोपवे की अधिकतम गति 6 मीटर प्रति सेकंड निर्धारित की गई है। हालांकि मौसम खराब होने पर रेस्क्यू मोड में इसकी स्पीड अपने आप कम हो जाएगी। इस हाईटेक रोपवे का पूरा संचालन ऑनलाइन सिस्टम से किया जाएगा। संचालन के लिए फ्रांस से विशेषज्ञों की एक टीम उत्तराखंड आएगी, जो स्थानीय कर्मियों को संचालन और सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण देगी।

 

 

 

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