November 17, 2025
उत्तराखंड

सीएम धामी ने किया जौलजीबी मेले का शुभारंभ, मां संग पहुंचे पैतृक गांव..

सीएम धामी ने किया जौलजीबी मेले का शुभारंभ, मां संग पहुंचे पैतृक गांव..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर पिथौरागढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने ऐतिहासिक जौलजीबी मेले का विधिवत शुभारंभ किया। भारत और नेपाल की साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोए यह प्रसिद्ध मेला काली और गौरी नदी के संगम पर आयोजित होता है और कुमाऊं क्षेत्र के सबसे बड़े व्यापारिक मेलों में शुमार है। समय के साथ इस मेले ने इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली कि यहां भारत के विभिन्न शहरों के साथ ही नेपाल और तिब्बत के व्यापारी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में डीडीहाट के विधायक फकीर राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। मेले के दौरान सीएम धामी ने स्थानीय उत्पादों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और व्यापारिक गतिविधियों की सराहना की। शुभारंभ समारोह के बाद सीएम धामी अपने पैतृक गांव टुंडी बारमौ भी पहुंचे। यह पहली बार था जब वे मुख्यमंत्री बनने के बाद गांव की पगडंडी पर अपनी माता का हाथ थामे चलते हुए नजर आए। गांव पहुंचकर सीएम धामी ने ग्रामीणों से मिलकर उनका हालचाल जाना और पारिवारिक व सामाजिक संबंधों को मजबूती से याद किया। गांववासियों ने भी सीएम का का गर्मजोशी से स्वागत किया।

जौलजीबी मेला शुभारंभ करने के बाद जब सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने पैतृक गांव टुंडी–बारमौं पहुंचे, तो यह यात्रा उनके लिए भावनाओं से भरा पल बन गई। गांव की पगडंडियों पर माता के साथ चलते हुए सीएम ने वर्षों पुराने स्मृतियों को फिर से जी लिया। इसी भावनात्मक अनुभव को सीएम ने सोशल मीडिया पर भी साझा किया। सीएम धामी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि आज सुबह मां के साथ अपने पैतृक क्षेत्र कनालीछीना के टुंडी–बारमौं पहुंचना मेरे लिए बेहद भावुक क्षण था। यही वह धरा है, जहां मैंने बचपन बिताया, पहली बार विद्यालय की राह पकड़ी और जहां गांव की संस्कृति, परंपराओं और स्नेह ने मेरे व्यक्तित्व को आकार दिया। उन्होंने आगे लिखा कि गांव पहुंचते ही बुजुर्गों का स्नेह, आशीर्वाद और मातृशक्ति का प्रेम मन को भावनाओं से भर गया। कई बुजुर्ग आज भी मुझे बचपन के नाम से पुकारते हैं… यह अपनत्व शब्दों में समाना मुश्किल है,” सीएम धामी ने लिखा। सीएम ने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि गांव के बच्चों और युवाओं की मुस्कुराहटों ने बचपन की यादों को फिर जीवंत कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हीं यादों ने उन्हें जीवन मूल्य दिए और आगे बढ़ने की प्रेरणा भी।सीएम धामी की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग उनके इस भावुक जुड़ाव की सराहना कर रहे हैं।

पैतृक गांव में सीएम धामी ने ब्रह्मचारी मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीएम धामी ने इसी गांव के प्राथमिक स्कूल से तीसरी तक की पढ़ाई की है। बाद में उनका परिवार यहां से खटीमा चला गया। इस मेले में भारत और नेपाल के व्यापारी पारंपरिक कपड़े, ऊनी सामान, जड़ी-बूटियां और हस्तशिल्प बेचते हैं। गांव की यात्रा के बारे में सीएम धामी ने लिखा कि हर चेहरा अपना लगा हर आंगन स्मृतियों से भरा और हर कदम बचपन की गलियों से होकर गुजरता हुआ महसूस हुआ। टुंडी–बारमौं मेरे लिए सिर्फ एक गांव नहीं बल्कि मेरी जड़ें, संस्कार और मेरी पहचान है। आप सभी का स्नेह मेरे लिए शक्ति, प्रेरणा और जिम्मेदारी है।आज का दिन हमेशा हृदय में अंकित रहेगा। आपका प्रेम और विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है, जो हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करता रहेगा। बता दें सीएम धामी दो दिन की कुमाऊं यात्रा पर हैं। सीएम ने इस दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. साथ ही सीएम धामी कुमाऊं को कई सौगात भी दे रहे हैं।

 

 

 

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