November 17, 2025
उत्तराखंड

देहरादून में 14 नवंबर से शुरू होगा लिटरेचर फेस्टिवल, साहित्य और संगीत का संगम बनेगा दून..

देहरादून में 14 नवंबर से शुरू होगा लिटरेचर फेस्टिवल, साहित्य और संगीत का संगम बनेगा दून..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड की राजधानी इस बार साहित्य और संस्कृति की खुशबू से महकने वाली है। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का सातवां संस्करण इस वर्ष 14 से 16 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित आयोजन दून इंटरनेशनल स्कूल, सिटी कैम्पस में होगा, जहां देश-विदेश के प्रसिद्ध लेखक, विचारक, कलाकार और वक्ता एक मंच पर जुटेंगे। इस वर्ष के फेस्टिवल की थीम “वसुधैव कुटुंबकम वॉइसेस ऑफ यूनिटी” रखी गई है, जिसका उद्देश्य साहित्य, कला और संवाद के माध्यम से एकता, विविधता और मानवता के संदेश को आगे बढ़ाना है। आयोजकों के अनुसार तीन दिवसीय इस फेस्टिवल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, प्रसिद्ध भजन गायिका जया किशोरी, जानी-मानी कलाकार रेखा भारद्वाज, मशहूर गायिका उषा उत्थप, और कई अन्य चर्चित हस्तियां शामिल होंगी।

फेस्टिवल के दौरान साहित्य, सिनेमा, समाज, कला और समसामयिक विषयों पर पैनल डिस्कशन, बुक लॉन्च, म्यूज़िकल परफॉर्मेंस और इंटरएक्टिव सेशन आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन न केवल देहरादून के साहित्यिक माहौल को नई ऊंचाई देगा, बल्कि युवाओं और पाठकों को अपने पसंदीदा लेखकों और कलाकारों से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा। पिछले छह संस्करणों की तरह इस बार भी देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में देशभर से लेखक, पाठक, छात्र और संस्कृति प्रेमी शामिल होंगे। शहर की साहित्यिक और सांस्कृतिक धारा को सशक्त बनाने वाला यह आयोजन अब देहरादून की पहचान बन चुका है। आयोजक समिति ने कहा कि इस बार फेस्टिवल में युवा लेखकों और उभरते रचनाकारों को मंच देने पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण और भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। तीन दिनों तक चलने वाला यह उत्सव देहरादून के साहित्य, संगीत और संस्कृति प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।

तीन दिवसीय इस आयोजन में देश के कई प्रतिष्ठित लेखक, कलाकार, और विचारक शामिल होंगे..

डीवाई. चंद्रचूड़ दो विशेष सत्रों में शामिल होंगे. वे “जस्टिस, डेमोक्रेसी एंड द आईडिया ऑफ़ इंडिया” और “वी द स्टूडेंट्स ऑफ़ इंडिया – ए डायलॉग ऑन डेमोक्रेसी”।

रस्किन बॉन्ड उद्घाटन के दिन ऑनलाइन माध्यम से कीनोट एड्रेस देंगे।

फेस्टिवल में शामिल अन्य प्रमुख नामों में आदिल हुसैन, दिव्य प्रकाश दुबे, शोभा थरूर श्रीनिवासन, रूपा पाई, अभय के।

अनामिका, नारायणी बासु, सैम डालरिम्पल, शोभा डे, रुजुता दिवेकर।

जया किशोरी, सुवीर सरन, स्वरूप सम्पत रावल, नंदिता दास, लीना यादव।

विशाल भारद्वाज, शेफाली शाह, सुमाना रॉय और मालिनी अवस्थी शामिल हैं।

संगीत प्रस्तुति के क्षेत्र में ओशो जैन, वेदी सिन्हा, बुलंद हिमालय, निखिल सकलानी और उषा उत्थप फेस्टिवल में विशेष रंग भरेंगे।

देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (DDLF) का सातवां संस्करण इस साल 14 से 16 नवंबर तक दून इंटरनेशनल स्कूल, सिटी कैम्पस में आयोजित होगा। इस बार फेस्टिवल की थीम है “वसुधैव कुटुंबकम वॉइसेस ऑफ यूनिटी”, जो एकता, सहानुभूति और विविधता के भाव को समर्पित है। फेस्टिवल में इस बार कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां शिरकत करेंगी। इनमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, प्रसिद्ध भजन गायिका जया किशोरी, चर्चित कलाकार रेखा भारद्वाज, दिग्गज गायिका उषा उत्थप समेत कई नाम शामिल हैं। साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी एक विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे, जहां वे युवाओं के साथ संवाद करेंगे। डीडीएलएफ के संस्थापक सम्रांत विरमानी ने कहा कि इस बार फेस्टिवल को पहले से अधिक इंटरएक्टिव और प्रेरणादायक बनाने पर जोर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि डीडीएलएफ अब एक ऐसा मंच बन चुका है जो संवाद, सहानुभूति और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है। इसी सोच के चलते हमने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष फेस्टिवल का प्रसारण किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब या इंस्टाग्राम पर नहीं किया जाएगा। हम चाहते हैं कि युवा स्वयं इस आयोजन में उपस्थित होकर साहित्य की आत्मा को प्रत्यक्ष रूप से महसूस करें। विरमानी ने आगे कहा कि डीडीएलएफ का उद्देश्य हर साल नए विचारों, दृष्टिकोणों और विधाओं को मंच देना है, ताकि यह उत्सव सिर्फ देहरादून तक सीमित न रहकर पूरे समाज का फेस्टिवल बन सके।

तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन साहित्य, कला, सिनेमा और समाज जैसे विविध विषयों पर केंद्रित पैनल डिस्कशन, बुक लॉन्च, म्यूज़िकल परफॉर्मेंस और संवाद सत्रों से भरपूर रहेगा। इस बार युवा लेखकों, कवियों और रचनाकारों को मंच देने पर भी विशेष जोर दिया गया है। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल अब न सिर्फ एक कार्यक्रम, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना पर आधारित यह संस्करण निश्चित रूप से देहरादून के सांस्कृतिक परिदृश्य में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करेगा।

 

बाल दिवस पर नौनिहालों के लिए विशेष आयोजन..

उद्घाटन बाल दिवस के अवसर पर है, इसलिए इस वर्ष बच्चों के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया गया है। इनमें शामिल हैं ‘अबव राइम, बियॉन्ड रीजन’ – शोभा थरूर श्रीनिवासन, रूपा पाई और वैषाली श्रोफ के साथ, ‘कहानी जंक्शन’ दिव्य प्रकाश दुबे के साथ कहानियों और उनके सृजन पर सत्र, तथा ‘अपना अपना नॉर्मल’ ‘सितारे ज़मीन पर’ टीम के साथ आत्मस्वीकारिता एवं फ़िल्म के संदेश पर चर्चा। इसके साथ ही बच्चों के लिए ‘टाइनी थिंकर्स’ और ‘कैरेक्टर लैब’ जैसी कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी।

गार्डियंस ऑफ हिमालयाज अवॉर्ड’ की शुरुआत..

फेस्टिवल डायरेक्टर सौम्या कुलश्रेष्ठ ने कहा उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस वर्ष डीडीएलएफ राज्य की समृद्ध संस्कृति को विशेष रूप से प्रदर्शित करेगा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और देहरादून की लोक परंपराएं ‘साउंड ऑफ वीमेन फोक म्यूजिक ऑफ उत्तराखंड’, निखिल सकलानी के संगीत, और क्षेत्रीय कला, कविता व संवादों के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी। उन्होंने कहा इस वर्ष पहली बार ‘गार्डियंस ऑफ हिमालयाज अवॉर्ड’ की शुरुआत की जा रही है, जो उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ को समर्पित है। यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करेगा।इस अवसर पर अक्षय जैन, जो इस पुरस्कार के प्रस्तुतकर्ता हैं, ने कहा, “हिमालय हमारी साझा जिम्मेदारी हैं। इस पुरस्कार के माध्यम से हम उन लोगों को सम्मानित करना चाहते हैं जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा में अद्भुत कार्य कर रहे हैं”।

 

 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    X