चारधाम यात्रा के अंतिम चरण में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ऑफलाइन पंजीकरण में तीन गुना इजाफा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के साथ ही हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित होने के बावजूद यात्रियों की भीड़ थम नहीं रही है। पंजीकरण के आंकड़े भी इस उत्साह की गवाही दे रहे हैं। अब तक यात्रा के लिए कुल 58 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं, जिनमें से 47.39 लाख श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। खास बात यह है कि इस बार ऑफलाइन पंजीकरण में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि यात्रा के अंतिम चरण में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अब विश्व स्तर पर आस्था और विश्वास का केंद्र बन चुकी है। राज्य सरकार ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की हैं। सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और आवास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन और विभागीय टीमें लगातार सक्रिय हैं। चारधाम यात्रा के समापन की ओर बढ़ते हुए भी श्रद्धालुओं का जोश और आस्था चरम पर है, जिससे राज्य की धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिल रहा है।
इस वर्ष यात्रा के प्रति तीर्थयात्रियों की आस्था इतनी प्रबल है कि अब ऑफलाइन पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। 25 सितंबर को जहां हरिद्वार, ऋषिकेश गुरुद्वारा, नया गांव, हरबर्टपुर और ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप जैसे प्रमुख केंद्रों पर ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या करीब एक हजार प्रतिदिन थी, वहीं आठ अक्टूबर को यह आंकड़ा बढ़कर 3500 से अधिक पहुंच गया। पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण प्रक्रिया सुचारु रूप से संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन पंजीकरण में बढ़ोतरी से यह साफ झलकता है कि चारधाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यात्रा के सुचारु संचालन के लिए सभी जिलों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। सुरक्षा, यातायात नियंत्रण, चिकित्सा सुविधाओं और आवासीय प्रबंधों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। यात्रा के अंतिम चरण में भी बढ़ती भीड़ इस बात का प्रमाण है कि देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा न केवल आस्था का केंद्र बनी हुई है, बल्कि धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।


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