November 17, 2025
उत्तराखंड

स्थायी राजधानी पर फिर तेज हुई बहस, गैरसैंण शिफ्ट होंगे सचिवालय के 11 अनुभाग..

स्थायी राजधानी पर फिर तेज हुई बहस, गैरसैंण शिफ्ट होंगे सचिवालय के 11 अनुभाग..

 

 

उत्तराखंड: गैरसैंण सत्र के समापन के बाद एक बार फिर उत्तराखंड में स्थायी राजधानी की मांग ने जोर पकड़ लिया है। राज्य आंदोलनकारियों और आम लोगों ने महज दो दिन का सत्र आहूत होने पर नाराजगी जताई और गैरसैंण को राजधानी बनाने की आवाज बुलंद की। इसी बीच सचिवालय से आई एक खबर ने मामले को और गरमा दिया है। जानकारी के अनुसार सचिवालय के 11 अनुभागों को गैरसैंण शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी शुरुआत सीएम पुष्कर सिंह धामी की उस घोषणा से मानी जा रही है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि गैरसैंण में सचिवालय के कई अनुभागों को जल्द स्थानांतरित किया जाएगा। राज्य की स्थायी राजधानी के मुद्दे पर लंबे समय से चल रही बहस के बीच यह कदम एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक संकेत माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं।

उत्तराखंड सचिवालय संघ ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की उस घोषणा का स्वागत किया था, जिसमें सचिवालय के 11 अनुभागों को गैरसैंण स्थानांतरित करने की बात कही गई थी। लेकिन घोषणा के बाद भी शासन स्तर पर अब तक इस दिशा में कोई लिखित कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। इसी को देखते हुए सचिवालय संघ ने अब खुद मुख्यमंत्री की घोषणा को याद दिलाते हुए इस मामले में जल्द फैसला लेने की मांग की है। संघ के महामंत्री राकेश जोशी ने कहा कि संघ ने गैरसैंण शिफ्टिंग का समर्थन किया है, लेकिन अब समय आ गया है कि शासन और अधिकारी इस प्रक्रिया को लिखित रूप से आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जरूरी औपचारिकताएं जल्द पूरी की जानी चाहिए, ताकि गैरसैंण में सचिवालय के अनुभागों को स्थानांतरित करने का कार्य शीघ्र शुरू हो सके।

उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का मुद्दा गैरसैंण को लेकर समय-समय पर राजनीति के केंद्र में रहा है। चुनाव से ठीक पहले कई सरकारों ने इस पर बड़े फैसले भी लिए, लेकिन बहस आज भी थमी नहीं है। विजय बहुगुणा सरकार ने पहली बार गैरसैंण में कैबिनेट बैठक आयोजित कर इसे चर्चाओं में ला खड़ा किया। इसके बाद हरीश रावत सरकार ने विधानसभा और सचिवालय के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए। वहीं, त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर बड़ा फैसला लिया। हालांकि इन सबके बावजूद, स्थायी राजधानी को लेकर बहस और असमंजस अब भी बरकरार है। हाल ही में धामी सरकार ने गैरसैंण में सत्र आहूत करवाया और इस मुद्दे को फिर से तूल दे दिया। हालांकि मामले अब सचिवालय संघ के बयान ने फिर इस मामले पर नई बहस छेड़ दी है। राज्य आंदोलनकारी धामी सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। लेकिन वह यह भी कहते हैं कि इस मामले में केवल घोषणा से ही काम नहीं चलेगा, क्योंकि ऐसी व्यवस्था गैरसैंण में लागू भी करनी होगी ताकि कर्मचारियों के साथ अधिकारी भी गैरसैंण में रहे और काम करें।

उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है जब गैरसैंण में अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती के लिए सचिवालय के अनुभागों को शिफ्ट करने की बात कही गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा के बाद सचिवालय संघ ने भी इसका स्वागत किया है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस व्यवस्था को लागू करना आसान नहीं होगा। इसका मतलब होगा कि न केवल कर्मचारियों और अधिकारियों को गैरसैंण में स्थायी रूप से नौकरी करनी होगी बल्कि फाइलों की मूवमेंट और अन्य सरकारी कार्य भी गैरसैंण से ही संचालित करने होंगे। यही नहीं, किन-किन अनुभागों को गैरसैंण में शिफ्ट किया जाए, इसका चयन भी सरकार के लिए एक कठिन प्रक्रिया होगी। फिलहाल सचिवालय संघ का कहना है कि अगर सरकार ने निर्णय लिया है तो उसे लिखित रूप में औपचारिकताएं पूरी कर जल्द प्रक्रिया आगे बढ़ानी चाहिए, ताकि गैरसैंण को राजधानी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

गैरसैंण में सचिवालय के अनुभागों को शिफ्ट करने की तैयारी के साथ सरकार अब अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार गैरसैंण भेजे जाने वाले कर्मियों और अधिकारियों को अतिरिक्त भत्ता या फिर प्रभारी के रूप में एक पद ऊपर की तैनाती दी जा सकती है। इसका मकसद है कि कर्मचारी और अधिकारी गैरसैंण जाने के लिए प्रेरित हों। इसके साथ ही सरकार रोटेशन फार्मूले पर भी विचार कर रही है, ताकि सभी अनुभागों के कर्मचारी बारी-बारी से गैरसैंण में अपनी सेवाएं दें। माना जा रहा है कि शुरुआत में केवल 11 अनुभागों को शिफ्ट किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे बाकी अनुभागों के लिए भी यही व्यवस्था लागू की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह व्यवस्था अमल में लाई गई तो गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

 

 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    X