उत्तराखंड बोर्ड की अंक सुधार परीक्षा का मूल्यांकन प्रभावित, 180 शिक्षक कार्यमुक्त..
उत्तराखंड: उत्तराखंड बोर्ड की अंक सुधार परीक्षा पर संकट गहराता जा रहा है। मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर रहे सभी 180 शिक्षकों को विद्यालयों के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है। चौथे दिन भी शिक्षकों ने कॉपियों की जांच से दूरी बनाए रखी, जिससे परीक्षा परिणाम घोषित होने में देरी की आशंका बढ़ गई है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली और मंडलीय अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल ने कहा कि शिक्षक लंबे समय से पदोन्नति और तबादलों में हो रही देरी से नाराज हैं। इसी वजह से 18 अगस्त से उन्होंने चॉक डाउन हड़ताल शुरू कर रखी है। शिक्षक संघ का कहना है कि बार-बार सरकार और विभाग को समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं किया गया। ऐसे में मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा। इस बीच बोर्ड स्तर पर परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने की चुनौती सामने आ गई है। लगातार बहिष्कार के चलते हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। अभिभावकों और छात्रों ने भी सरकार से जल्द समाधान निकालने की अपील की है।
शिक्षकों का आंदोलन लगातार चौथे दिन भी जारी रहा और उन्होंने कॉपियों की जांच करने से साफ इंकार कर दिया। इस बीच, जिला अध्यक्ष कुलदीप कंडारी और जिला मंत्री अर्जुन पवार ने स्पष्ट कहा कि शिक्षक किसी भी तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। शिक्षक संगठन का कहना है कि पदोन्नति और तबादलों में लगातार हो रही देरी से पूरे प्रदेश के शिक्षक नाराज हैं। सरकार से कई दौर की वार्ता और आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होने पर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। मूल्यांकन कार्य के रुकने से हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर असर पड़ रहा है। परीक्षा परिणाम घोषित करने में देरी अब लगभग तय मानी जा रही है। अभिभावकों और परीक्षार्थियों ने सरकार से जल्द से जल्द समाधान निकालने की मांग की है, ताकि छात्रों को असमंजस की स्थिति से बाहर निकाला जा सके।


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