जल जीवन मिशन- दिसंबर तक उत्तराखंड के 100% ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य..
उत्तराखंड: जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड में दिसंबर 2025 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित कर दी जाएगी। यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमण्णा ने राज्यसभा में दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड समेत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी से जल जीवन मिशन को गति दी जा रही है, ताकि हर ग्रामीण घर तक सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उत्तराखंड में अगस्त 2019 में इस योजना की शुरुआत के समय केवल 9 प्रतिशत यानी लगभग 1.30 लाख ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से जल की सुविधा थी। लेकिन अब मिशन के अंतर्गत तेज़ी से कार्य किया जा रहा है और दिसंबर 2025 तक राज्य के शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बता दे कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024-25 तक देश के सभी ग्रामीण घरों तक नल जल सुविधा सुनिश्चित करना है।
जल जीवन मिशन (JJM) के तहत उत्तराखंड के सभी ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है। केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि दिसंबर 2025 तक राज्य के शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को यह सुविधा मिल जाएगी। इसके बाद करीब 12.84 लाख ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त रूप से कवर किया गया। 22 जुलाई तक उत्तराखंड के कुल 14.49 लाख ग्रामीण परिवारों में से 14.14 लाख यानी 97.63% घरों में अब नल के माध्यम से जल आपूर्ति हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि शेष परिवारों को भी दिसंबर तक कवर कर लिया जाएगा, जिससे उत्तराखंड जल जीवन मिशन का 100% लक्ष्य प्राप्त करने वाले राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा। जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण घर तक सुरक्षित, पर्याप्त और नियमित पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करना है।
राज्यसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2020-21 से 2024-25 के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत 6.85 लाख किसानों को लाभ प्रदान किया गया है। इन पांच वर्षों में 965.7 करोड़ रुपये की राशि किसानों को फसल क्षति की भरपाई के रूप में वितरित की गई है। मंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और बीमारियों से फसल हानि की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
राज्य सरकार के सहयोग से इस योजना का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि उत्तराखंड में संचालित 13 हवाई अड्डे व हेलिपोर्ट अब देश के अन्य भागों से जुड़ चुके हैं। उड़ान योजना (UDAN) के तहत 60 आरसीएस (क्षेत्रीय संपर्क सेवा) मार्गों पर परिचालन शुरू किया गया है। इस पहल से राज्य में पर्यटन, आपदा प्रबंधन और व्यावसायिक आवागमन को बल मिला है। खासकर पर्वतीय और सीमावर्ती क्षेत्रों में तेज और सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिली है। राज्य सरकार ने केंद्र के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि इससे उत्तराखंड में कृषि सुरक्षा और आधुनिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं।


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