November 18, 2025
उत्तराखंड

फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा में समीर सिन्हा का रहा अहम योगदान..

फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा में समीर सिन्हा का रहा अहम योगदान..

ईको-डेवलपमेंट से स्थानीय सशक्तिकरण को मिली दिशा..

 

 

उत्तराखंड: हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने मंगलवार को उत्तराखंड के नव नियुक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HOFF) समीर सिन्हा से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने सिन्हा को उनके प्रतिष्ठित पद पर नियुक्ति के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। यह मुलाकात मुख्यतः उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध “फूलों की घाटी” और सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल “हेमकुंड साहिब” के संरक्षण, पर्यावरणीय प्रबंधन और यात्रियों की सुविधा से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रही। अध्यक्ष बिंद्रा ने सुझाव दिया कि वन विभाग और ट्रस्ट के बीच समन्वय से संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी। वहीं, HOFF समीर सिन्हा ने भरोसा दिलाया कि प्राकृतिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों की पवित्रता और संवेदनशीलता को पूरी प्राथमिकता दी जाएगी। मुलाकात में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, ग्लेशियर संरक्षण, और सस्टेनेबल टूरिज्म मॉडल पर भी चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने मिलकर काम करने और स्थायी समाधान विकसित करने की इच्छा जताई।

फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब न केवल हिमालय की जैव-विविधता और प्राकृतिक भव्यता के प्रतीक हैं, बल्कि ये आध्यात्मिक आस्था, पर्यावरणीय संरक्षण और वैश्विक विरासत का अनमोल संगम भी हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित फूलों की घाटी अपनी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों और सैकड़ों प्रजातियों के रंग-बिरंगे फूलों के लिए जानी जाती है। यह घाटी जून से सितंबर के बीच पूरी तरह खिल उठती है और प्रकृति प्रेमियों, वैज्ञानिकों और ट्रेकिंग उत्साही लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है। यहां पाई जाने वाली ब्लू पॉपी, ब्रह्म कमल, और कोबरा लिली जैसी प्रजातियाँ वैश्विक स्तर पर संरक्षित श्रेणी में आती हैं। घाटी की संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए पर्यटकों की आवाजाही पर हर वर्ष संख्या और समयबद्ध सीमाएं लागू की जाती हैं। लगभग 4,632 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब, दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली मानी जाती है। यह स्थान एक पवित्र झील के किनारे बसा है, जिसके चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ और शांत वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हैं। सालाना हज़ारों श्रद्धालु कठिन चढ़ाई पार कर यहां पहुंचते हैं, जो इसे विश्व के सबसे ऊंचे तीर्थ स्थलों में से एक बनाता है।

बता दें समीर सिन्हा ने इस क्षेत्र में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा के सुधार में अपना योगदान दिया है। विशेष रूप से, भ्यूंडार घाटी में ईको-डेवलपमेंट कमेटी (EDC) के गठन में उनकी भूमिका ने स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाया और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया. उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने तीर्थयात्रा और पर्यटन को और अधिक व्यवस्थित और टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण मदद की है। बैठक के दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष और हॉफ सिन्हा ने क्षेत्र में बढ़ती पर्यटक संख्या के प्रबंधन और इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने वैकल्पिक मार्गों, बेहतर बुनियादी ढांचे और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया। ताकि फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब की प्राकृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित रखा जा सके। इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच सहयोग को और मजबूत कर पर्यटन और तीर्थयात्रा को अधिक सुगम और टिकाऊ बनाना था।

 

 

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