वोटर स्लिप होगी अब और ज्यादा उपयोगी, उत्तराखंड में मतदाता जागरूकता पर विशेष जोर
उत्तराखंड: मतदाताओं की सहूलियत और चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, तकनीकी समर्थित और जनभागीदारी आधारित बनाने की दिशा में उत्तराखंड में एक और अहम पहल की गई है। बुधवार को सचिवालय में आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने राज्य के प्रमुख मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस मौके पर डॉ. पुरुषोत्तम ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लागू किए जा रहे नए बदलावों और सुधारों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में मतदाता अनुभव को बेहतर बनाने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कई तकनीकी नवाचार किए जा रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया की भूमिका को बेहद अहम बताया और अपील की कि वे जागरूकता अभियानों में सहयोग करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, सही जानकारी अपडेट कराने और चुनाव में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित हों।
उत्तराखंड में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सुव्यवस्थित और मतदाताओं के अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है। डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि यह कदम खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा। यह पहल न केवल लोकतंत्र की पहुंच को और मजबूत करेगी, बल्कि मतदाता प्रतिशत बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी। इस मौके पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि मतदाता सूची के अपडेट, ई-वोटर आईडी, और मतदाता हेल्पलाइन ऐप जैसी सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है। साथ ही बूथ स्तर पर प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक प्रबंधन को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। डॉ. पुरुषोत्तम ने मीडिया से अपील की कि वे इन बदलावों की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं, ताकि हर नागरिक को सुगम, सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान का अनुभव मिल सके।
मतदाताओं की सुविधा और चुनावी पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए भारत निर्वाचन आयोग अब कई नई पहलें लागू करने जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में इन सुधारों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि अब ऊंची इमारतों, बहुमंजिला अपार्टमेंट और कॉलोनियों में भी अतिरिक्त मतदान केंद्र (बूथ) बनाए जा सकेंगे, जिससे इन क्षेत्रों के मतदाताओं को दूर जाने की ज़रूरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी चुनावों से पहले हर मतदान केंद्र पर मोबाइल डिपॉजिट सुविधा शुरू की जाएगी। इसका उद्देश्य मतदाताओं की सहूलियत और चुनाव प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मोबाइल बूथ पर जमा किए जाएंगे, जिससे मतदान के दौरान गोपनीयता और ध्यान केंद्रित माहौल सुनिश्चित किया जा सके। मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया में भी तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं। अब मृत्यु पंजीकरण का डेटा प्रत्यक्ष रूप से आरजीआई के डेटाबेस से लिया जाएगा। इस डेटा का सत्यापन के बाद संबंधित नामों को मतदाता सूची से हटाया जाएगा, जिससे यह प्रक्रिया अधिक सटीक, तेज़ और पारदर्शी हो जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दोहराया कि निर्वाचन आयोग का उद्देश्य मतदाता अनुभव को बेहतर बनाना और लोकतंत्र को हर नागरिक की पहुंच तक सरलता से पहुँचाना है।
वोटर इनफार्मेशन स्लिप में होगा बदलाव..
अब वोटर इनफार्मेशन स्लिप को और अधिक स्पष्ट व उपयोगी बनाया जाएगा। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा, जिससे उन्हें अपना बूथ आसानी से ढूंढने में सुविधा होगी। डॉ पुरुषोत्तम का कहना हैं कि मतदाता जागरूकता के लिए प्रदेश में स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत हर माह अलग-अलग थीम पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अब तक उत्तराखंड में 85 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और ईआरओ स्तर पर 70 बैठकें शामिल हैं।


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